ठीक मंजिल के सामने, आकर वो बहक गया। ठीक मंजिल के सामने, आकर वो बहक गया।
जब अचानक से तू सामने आ जाता है। जब अचानक से तू सामने आ जाता है।
ये अंधेरी रात है जनाब, सबको बड़ा सताती है। ये अंधेरी रात है जनाब, सबको बड़ा सताती है।
पूछती हूँ मैं ! क्या निर्बलों की यही है एक नियति ! यथार्थ में ! कोई तो बोलो। पूछती हूँ मैं ! क्या निर्बलों की यही है एक नियति ! यथार्थ में ! कोई ...
हाँ बावला है मन, कुछ बेफिकरा भी हैं पर बेचैनी भी इतनी, कि एक पल चैन नहीं। हाँ बावला है मन, कुछ बेफिकरा भी हैं पर बेचैनी भी इतनी, कि एक पल चैन नहीं।
उस काली अँधेरी रातों से, उजाला छीनकर लाना है। उस काली अँधेरी रातों से, उजाला छीनकर लाना है।